SHIRI RAM MANDIR : 134 साल पुराने अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद पर शनिवार, 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला राम जन्मभूमि मंदिर के पक्ष में सुना दिया था। और इसके कुछ ही महीने बाद 5 अगस्त 2020 को हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में राम मंदिर का भूमि पूजन किया। और उसी दिन से श्री राम मंदिर बनाने का काम शुरू हो गया था।
राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को
श्री राम मंदिर के भूमि पूजन के लगभग साढ़े तीन साल बाद राम मंदिर लगभग पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो चुका है।और मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त 22 जनवरी, 2024 को तय किया गया है। इसके लिए अनुष्ठान की शुरुआत 16 जनवरी से होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त मृगषिरा नक्षत्र में दोपहर 12:20 मिनट पर नए मंदिर का शुभारंभ करेंगे और उनके ही हाथों रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी की जाएगी। उनके साथ पूजा विधि में राष्ट्रीय स्वयं संघ के संघ संचालक डॉक्टर मोहन भागवत भी शामिल होंगे।
SHIRI RAM MANDIR प्राण प्रतिष्ठा में देश की जानी-मानी हस्तियों को बुलावा भेजा गया
अयोध्या में नए भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देश की जानी-मानी हस्तियों को बुलावा भेजा गया है। प्रमुख हस्तियां जिसमें कलाकार, साहित्य,धर्म आचार्य,खेल जगत की बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल है 22 जनवरी का निमंत्रण जिन्हें ने भेजा गया है उनमें प्रमुख नाम अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, आशा भोंसले, रतन टाटा, मुकेश अंबानी का नाम शामिल है।
खेलों की दुनिया से सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, जैसे बड़े नाम 20 लिस्ट में शामिल है देश के प्रसिद्ध फुटबॉलर की बाइचुंग भूटिया, ओलंपियन मैरी कॉम बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु पी गोपीचंद पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर कपिल देव अनिल कुंबले राहुल द्रविड़ को नाम निमंत्रण भेजने की तैयारी है देश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी राम मंदिर के शुभारंभ का निमंत्रण भेजा जा रहा है।
मंदिर आंदोलन के नेताओं को सबसे पहले आमंत्रण दिया गया है राम मंदिर आंदोलन के मुख्य भाजपा के बड़े नेता भी प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में नजर आएंगे लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटिहार साध्वी ऋतंभरा, उमा भारती को भी 22 जनवरी का निमंत्रण भेजा गया है।
इनके अलावा अलग-अलग धर्म गुरु भी इस भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि जैन धर्म के महागुरु को भी इसमें शामिल किया गया है
सुरक्षा के नियम तय
श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी प्रमुख मेहमान होंगे और प्राण प्रतिष्ठा उनके ही हाथों से होगी। सुरक्षा की दृष्टि से कई सारे नियमों का पालन सभी अतिथियों के लिए जरूरी होगा।
सभी साधू संतो, धर्म गुरुओं के लिए भी कार्यक्रम में शामिल होने हेतु नियम तय किए गए हैं , जिसके मुताबिक सबको अपना आधार कार्ड अपने साथ रखना होगा सुरक्षा कारणों से मोबाइल झोली छत्र चैंबर सिंहासन निजी पूजा के ठाकुर या गुरु पादुकोण कार्यक्रम स्थल पर ले जाना मना है। एक निमंत्रण पत्र पर केवल एक ही व्यक्ति का प्रवेश मान्य होगा। प्रधानमंत्री जी के मंदिर परिसर से बाहर चले जाने के बाद मंदिर परिसर में विराजमान संत महापुरुष रामलला के दर्शन कर सकेंगे।
सदी का सबसे बड़ा कार्यक्रम
यह कार्यक्रम सदी का सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा ऐसे में देश और दुनिया के राम भक्त भी अपने आराध्य के जन्म स्थान पर बने भव्य मंदिर का दर्शन करने जरूर अयोध्या पहुंचेंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु रामनगरी पहुंचेंगे प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर देश भर के 5 लाख से ज्यादा मठ मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का धार्मिक अनुष्ठान करने की तैयारी की जा रही है।
अयोध्या में 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद भगवान रामलला का मंदिर अब बनकर तैयार हुआ है। इस भव्य मंदिर में रामलला विराजमान होने वाले हैं। इस मौके पर वीआईपी और प्रोटोकॉल वालों समेत राज्य और प्रांत के हिसाब से तारीखे तैयार कर दी गई है।
ट्रस्ट अपील कर रहा है कि लोग नियत तिथि पर ही रामलला के दर्शनों के लिए आए भगवान रामलला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को होने वाला है। इस संबंध में राम मंदिर ट्रस्ट ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल समेत अन्य लोगों के लिए तारीख तय कर दी है 26 जनवरी से 22 फरवरी तक देश के सभी राज्यों के लिए राम जन्म भूमि दर्शन की तिथि निश्चित की गई है
प्राण प्रतिष्ठा का मतलब
भारतीय धर्म में जब किसी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में विद्वान पंडित पूजा मत्रों का जाप के जरिए भगवान की मूर्ति को स्थापित करते हैं। प्राण प्रतिष्ठा के समय जो पुजारी भगवान की प्रतिमा को लेकर मंदिर में प्रवेश करता है तो सबसे पहले उस पुजारी के पैर धोए जाते हैं, इसके बाद मूर्ति को स्नान करने के बाद वस्त्र पहनाए जाते हैं तब मंत्र द्वारा उस देवी या देवता का हवन किया जाता है कि वह उस मूर्ति में प्रतिष्ठित हो। प्रतिष्ठा का अर्थ है ईश्वरत्व को स्थापित करना जब भी कोई स्थापना होती है तो उसके साथ मन्त्रों का जाप होता है।
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