Rajasthan Assembly Elections 2023: EVM में कैद हुई उम्मीदवारों की किस्मत -

Rajasthan Assembly Elections 2023: EVM में कैद हुई उम्मीदवारों की किस्मत

Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में 25 नवंबर को शाम 6:00 बजते ही मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो गई थी। अब सभी प्रत्याशी 3 दिसंबर का इंतजार कर रहे है। राजस्थान में शनिवार 25 नवंबर को 199 सीटों में मतदान हुआ है। राजस्थान के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम मशीन में कैद हो गई है। अब सभी प्रत्याशी 3 दिसंबर का इंतजार कर रहे हैं।

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Rajasthan Assembly Elections 2023:

राजस्थान में मतदान की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद निर्वाचन आयोग के कर्मचारियों ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों को सील और सुरक्षित करना शुरू कर दिया है। राज्य के विभिन्न मतदान केंद्रों से ऐसी तस्वीरें और वीडियो आनी शुरू हो गई है जहां मतदान कर्मी EVM पर सील लगा रहे हैं।

Rajasthan Polling Percentage:

राजस्थान में 200 सीट हैं, लेकिन एक सीट पर प्रत्याशी की मौत के कारण यह मतदान स्थगित कर दिया गया। यह श्रीगंगानगर की करणपुर सीट है। राजस्थान में 199 सीटों पर शनिवार को सुबह 7:00 बजे मतदान शुरू हुआ। सभी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया है। शाम 5:00 बजे तक 68% से अधिक मतदान हुआ, शाम 6:00 बजे तक 68.24% तक मतदाताओं ने वोट डाला। अधिकारियों का मानना है की कुल मिलाकर यह आंकड़ा 69 % से अधिक रहेगा।

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EVM की सुरक्षा को लेकर उठाए गए सवाल

राजस्थान के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम मशीन में कैद हो गई है। चुनाव के बाद EVM को तीन लेयर सुरक्षा में स्ट्रांग रूम में रखा गया है। मगर कुछ राजनीतिक दलों को प्रशासन पर भरोसा नहीं है। यही वजह है कि प्रत्याशियों के समर्थकों ने स्ट्रांग रूम के बाहर डेरा डाल लिया है।

टीवी स्क्रीन पर EVM की निगाहबनी कर रहे हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए पत्रिका ने ईवीएम मशीन को तैयार करने वाली टीम के सदस्य प्रोफेसर डॉक्टर रजत मुन्ना से विशेष बातचीत की। डॉक्टर रजत मुन्ना सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ कंप्यूटिंग के महानिदेशक रह चुके हैं। वह आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर रहे। वर्तमान में भी आईआईटी गांधीनगर के डायरेक्टर का पद संभाल रहे हैं।

क्या EVM में छेड़छाड़ संभव है?

राजनीतिक पार्टियां चुनाव के बाद EVM को लेकर हर बार सुरक्षा से जुड़े सवाल उठाती है, तो आपको बता दे कि ईवीएम में छेड़छाड़ करना बिल्कुल भी संभव नहीं है। न तो इसमें इंटरनेट है और ना ही इसे किसी भी तरह से मॉडिफाई किया जा सकता है।

ईवीएम से वोट की शुरुआत के बाद से अब तक करीबन 400 करोड़ वोट दिए जा चुके हैं, लेकिन आज तक इसकी सुरक्षा में सेंध को लेकर हर दावे खारिज हुए हैं। खुद सुप्रीम कोर्ट ने इसे सेटिस्फाई किया है। वैसे भी अगर, ईवीएम में छेड़छाड़ का कोई भी विकल्प होता है तो अब तक कर चुका होता। ईवीएम को लेकर ओपन चैलेंज दिया गया था, लेकिन इसमें कोई बदलाव नहीं कर पाया।

क्या ईवीएम मशीन को हैक किया जा सकता है

 Rajasthan Assembly Elections 2023

नहीं, ईवीएम मशीन को बिल्कुल भी हैक नहीं किया जा सकता। यहां तक की इसको तैयार करते वक्त ऐसा सिस्टम तय किया गया है जिससे इसके सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में भी बदलाव संभव नहीं है। evm  में वायरलेस के लिए डाटा के लिए कोई फ्रीक्वेंसी रिसीवर डिकोडर या किसी अन्य गैर एवं एसेसरी या डिवाइस के कनेक्शन के लिए कोई बाहरी हार्डवेयर पोर्ट नहीं है। इसलिए हार्डवेयर पोर्ट या वायरलेस वाई-फाई या ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से कोई छेड़छाड़ संभव नहीं है। 

क्या निर्माताओं द्वारा EVM में हेरफेर किया जा सकता है?

नहीं, निर्माता के द्वारा evm में कोई भी हेरफेर नहीं किया जा सकता। evm सॉफ्टवेयर की सुरक्षा को लेकर निर्माता स्तर पर बहुत कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल होते हैं। evm को राज्य में और राज्य के भीतर जिले से मतदान केन्द्रो में भेजा जाता है। इसे तैयार करने वाले भी यह जानने की स्थिति में नहीं होते की कौन सा उम्मीदवार किस विशेष निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेगा और मशीन में उम्मीदवारों का क्रम क्या होगा।

EVM का निर्माण कहां होता है और कौन करता है?

evm पूरी तरह से स्वदेशी है। इसे सार्वजनिक उपक्रमों में तैयार किया जाता है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड, हैदराबाद। सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कोड इन दोनों कंपनियों द्वारा इन हाउस में लिखा जाता है, आउटसोर्स नहीं किया जाता है। 

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में आपको बताया गया है कि 25 नवंबर को वोट संपन्न होने के बाद राजस्थान के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम मशीन में कैद हो गई है। इसके साथ ही इसमें आपको बताया गया है कि ईवीएम मशीन में कोई भी किसी भी प्रकार की हेरफेर नहीं कर सकता है और न ही कोई evm मशीन को हैक कर सकता है। 

FAQ 

Q. EVM मशीन का पूरा नाम क्या है?

एवं मशीन का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है .ईवीएम मशीन को दो यूनिटों से तैयार किया गया है कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट

Q. ईवीएम मशीन का आविष्कार कब हुआ?

भारतीय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का आविष्कार साल 1989 में हुआ था। इसे भारत के चुनाव आयोग ने विकसित किया था। 

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