ISRO Satellite Launch: आज शाम को होगा इसरो सैटलाइट लॉन्च! 'नॉटी बॉय' देगा मौसम से जुड़ी जानकारी -

ISRO satellite Launch: आज शाम को होगा इसरो सैटलाइट लॉन्च! ‘नॉटी बॉय’ देगा मौसम से जुड़ी जानकारी

ISRO satellite Launch: इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) एक बार फिर नया इतिहास रचने जा रहा है। इसरो आज शाम को मौसम की जानकारी देने वाला सैटेलाइट लॉन्च करने वाला है। इसके लिए स्पेस एजेंसी ऐसे रॉकेट का इस्तेमाल करने वाली है, जिसे ‘नॉटी बॉय‘ के तौर पर जाना जाता है।

ISRO satellite Launch

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज मौसम की सटीक जानकारी देने वाला सैटेलाइट लॉन्च करने वाला है। मौसम की सटीक जानकारी देने वाला सैटेलाइट आज यानी की शनिवार,17 फरवरी को लॉन्च होगा। इसका उपनाम ‘नॉटी बॉय’ (Naughty boy) रखा गया है। मौसम उपग्रह इंसेंट 3 डीएस के लॉन्च की उल्टी गिनती शुक्रवार को शुरू हो गई थी।

 

 

इसरो का कौन सा सैटेलाइट लॉन्च होगा

जीएसएलवी रॉकेट के जरिए इसरो की मेट्रोलॉजिकल सैटेलाइट INSAT-3DS को आज शाम को लांच किया जाएगा। अंतरिक्ष में मौजूद रहने वाले यह सैटेलाइट बदलते मौसम के अलावा आने वाले आपदाओं की जानकारी भी समय पर देगा। स्पेस एजेंसी ऐसे रॉकेट का इस्तेमाल करने वाली है, जिसे ‘नॉटी बॉय’ के नाम से जाना जाता है। इस रॉकेट को ‘जिओसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल’ (GSLV) के तौर पर जाना जाता है।

 

 

ISRO Launch: कहां से होगा लॉन्च

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से मिली जानकारी के अनुसार, मौसम विज्ञान और आपदा चेतावनी उपग्रह INSAT-3DS ले जाने वाले जीएसएलवी (GLSV)  -F14 का प्रक्षेपण शनिवार को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शाम 5:35 बजे निर्धारित किया गया है। अपने 16वें मिशन में जीएसएलवी रॉकेट शनिवार शाम 5:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित प्रक्षेपण केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से उड़ान भरेगा।

इसरो ने कहा जीएसएलवी-एफ 14 INSAT-3DS मिशन 17 फरवरी, 2024 को 17:35 बजे प्रेक्षपण के लिए 27.5 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है‌। गत एक जनवरी को पीएसएलवी -सी 58/ एक्सपोर्ट सेट मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद 2024 में इसरो का यह दूसरा मिशन है। इस उपग्रह का भार 2,274 किलोग्राम है।

 

 

INSAT-3DS में क्या है खास?

इस मौसम की भविष्यवाणी और आपदा चेतावनी के लिए उन्नत मौसम संबंधी अवलोकन और भूमि और महासागर सतहों के निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है। कुल 420 टन वजन वाला 51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी रॉकेट भारत के नवीनतम मौसम उपग्रह इन इन्सैट-3डीएस को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित करेगा। बाद में इसकी कक्षा को चरणबद्ध तरीके से बदलकर इसे भू-स्थिर कक्षा में ले जाया जाएगा।

क्रियाविन्त होने के बाद यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत विभिन्न विभागों भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र और भारतीय राष्ट्रीय समुद्र सूचना सेवा केंद्र को सेवा प्रदान करेगा।

इस सैटेलाइट के मदद से तूफान जैसे चरम मौसम की घटनाओं का पता लगाया जाएगा। इसके अलावा जंगल की आग, बर्फ का कवर, धुआं और बदलते जलवायु के बारे में भी जानकारी मिलेगी।

तीसरी पीढ़ी का मौसम विज्ञान उपग्रह

INSAT-3DS भारत का तीसरी पीढ़ी का मौसम विज्ञान उपग्रह है और यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है। यह उपग्रह वर्तमान में कार्यरत इन्सैट -3D और INSAT-3DR उपग्रह के साथ-साथ मौसम संबंधी सेवाओं के भी जानकारी देगा।

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