Ram Mandir Ayodhya: जो कांग्रेस सरकार राम मंदिर बनवाने का वादा करती थी, आखिर उसी कांग्रेस सरकार ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का प्रस्ताव क्यों ठुकराया है? आईए जानते हैं
Ram Mandir Udghatan
कांग्रेस सरकार ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने का न्यौता ठुकरा दिया है। पार्टी की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का नेता सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया है। 22 जनवरी को होने वाले इस कार्यक्रम में सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस का कोई भी नेता अयोध्या रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में नहीं जाएगा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बयान में कहा है कि पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस संसदीय दल के अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में आयोजित होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण पत्र दिया गया था। हमारे देश में लाखों करोड़ों लोग भगवान श्री राम की पूजा करते हैं। यह एक धर्म निजी मामला है। लेकिन RSS/बीजेपी ने लंबे समय से अयोध्या में Ram Mandir को राजनीति प्रोजेक्ट बनाया है।
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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने कहा है कि राम हमारे अस्तित्व है, भगवान और प्राण है। वह ही भारत की पहचान है। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ऐसे स्वीकार करना भारत की पहचान संस्कृति को अस्वीकार करना है। यही वजह है कि कांग्रेस कहीं की नहीं रही। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि कांग्रेस का राम विरोधी चेहरा देश के सामने प्रस्तुत हो चुका है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि सोनिया जी के नेतृत्व में जिस पार्टी ने कोर्ट में दस्तावेज दिया कि भगवान राम का कोई अस्तित्व नहीं है। इस पार्टी के नेतृत्व में पुण्य अयोध्या धाम में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण को ठुकराया है। यह सभी राम भक्तों के लिए यशवंत धर्म आस्था और विश्वास की नजर से पुण्य पाल है।
22 जनवरी को होगी रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा
22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में श्री रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसमें माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। भगवान श्री राम जी के मंदिर के उद्घाटन समारोह में केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार के अधिकारी कार्यक्रम की तैयारी में व्यस्त है। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से एक हफ्ते से पहले धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मेहमानों को न्योते भेज दिए गए हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी ने बेहद सदैव अंदाज में अतिथियों की लिस्ट तैयार की है।
कांग्रेस के फैसले में राजनीतिक झलक
कांग्रेस कहती है कि धर्म एक निजी मामला है। लेकिन अयोध्या में श्री राम मंदिर बीजेपी और आरएसएस का पॉलिटिकल प्रोजेक्ट है। इसलिए वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। यही बात कांग्रेस के फैसले में भी झलकती है। जानकार कहते हैं कि कांग्रेस भी चुनावी फायदे के लिए अयोध्या जाने से इनकार कर रही है। कुछ को जाने से फायदा होगा, कुछ को न जाने से फायदा होगा। कांग्रेस भी सोच रही है कि अयोध्या में जाने से पार्टी को ज्यादा फायदा हो सकता है।