tcs-infringement-news-today-in-hindi: भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज TCS को अमेरिका के कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है।अभी लगभग एक हफ्ते पहले ही अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 14 करोड डॉलर का जुर्माना लगाया था। और आज टैक्सास कोर्ट ने 21 करोड डॉलर यानी 1751.73 करोड रुपए चुकाने का निर्देश दिया है।
देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज TCS को अमेरिकी कोर्ट ने थोड़े ही टाइम में दूसरा तगड़ा झटका दिया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने एपिक सिस्टम की याचिका पर इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की चोरी के मामले में टीसीएस पर 14 करोड डॉलर का जुर्माना लगाया था।
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क्या था पहला विवाद
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका की एक जिला अदालत ने एपिक सिस्टम कारपोरेशन के पक्ष में टीसीएस को 14 करोड डालर हर्जाना देने को कहा था। एपिक सिस्टम ने आईटी कंपनी पर आरोप लगाया था कि टीसीएस ने अस्पताल प्रबंधन प्रणाली “मेड मंत्रा” के विकास के लिए उसकी बौद्धिक संपदा का उल्लघंन किया है। इसे 2009 में भारत में अस्पताल में चलने वाली बड़ी कंपनी में लागू किया गया था।
यह मामला 2014 से चल रहा था 2016 में टीसीएस को इसका दोषी पाया गया। साथ ही शुरुआत में अदालत ने टीसीएस को 94 करोड़ का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया। लेकिन बाद में सुनवाई के बाद इसे कम करके 42 करोड़ कर दिया गया। जिसमें 14 करोड़ कंपनसेशन और 28 करोड डॉलर दंड के रूप में टीसीएस को देने थे। बाद में अदालतो में अपील के बाद दंड के रूप में दी जाने वाली राशि को भी घटाकर 14 करोड़ डॉलर कर दिया गया।
और अब इसके करीब एक हफ्ते बाद ही टीसीएस के ऊपर आरोप लगा है। कि उसने अपने एक सॉफ्टवेयर को डेवलप करने में एक प्रतिस्पर्धी के सोर्स कोड की चोरी की है। टैक्सास कोर्ट ने ट्रेड सीक्रेट केस में इस DXC TECH को 21 करोड डालर यानी 1751.73 करोड़ रुपए चुकाने का निर्देश दे दिया है।
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इस डील से जुड़ा है मुकदमा
भारतीय आईटी कंपनी ने वास्तव में ट्रेड सीक्रेट को एक्सेस किया है यह मामला करीब 5 साल पुराना है टीसीएस और ट्रांस अमेरिका के बीच 2018 में 2.5 बिलियन डॉलर की एक डील हुई थी। आर्थिक परस्थितियों के चलते डील को जून 2023 में रद्द कर दिया गया मुकदमा इसी डील से जुड़ा हुआ है।
DXC ने लगाया आरोप
Tata Consultancy Services has been ordered to pay $210 million to DXC Technology by a Texas court in another trade-secret case
— Moneycontrol (@moneycontrolcom) November 27, 2023
Here’s what happened👇https://t.co/QcBUi07lOq#TCS #TexasCourt #USA #TataGroup
डीएक्स ने इस संबंध में 2019 में मुकदमा दायर किया था। डीएससी के अनुसार टीसीएस ने अपने bance प्लेटफार्म के डेवलपमेंट के लिए जिन कर्मचारियों को नौकरी पर रखा उन्हें ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने में दिक्कतें आ रही थी जो एक खास बीमा के मामले में रेट ऑफ रिटर्न कैलकुलेट कर सके। उन कर्मचारियों ने पाया कि वैंटेज सॉफ्टवेयर यह काम आसानी से कर रहा है। उसके बाद उसने वैंटेज के सोर्स कोड को कॉपी कर उसका इस्तेमाल कर लिया। DXC ने मुकदमे के साथ में टीसीएस के संबंधित कर्मचारियों के ईमेल के ब्योरे भी दिए हैं।
क्या है टीसीएस का बयान
टीसीएस का कहना है कि वह ज्युरी के फैसले से असहमत है। टीसीएस ने बयान जारी कर कहा कि मामला कोर्ट के द्वारा ही तय होगा। कोर्ट ने दोनों पक्षों से अपने बात रखने को कहा है।टीसीएस ने कहा की मुकदमा अभी न्याय के विचाराधीन है ऐसे में वह इस मुद्दे पर अब और कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती।
टीसीएस कंपनी टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है और कंपनी का कारोबार दुनिया भर में फैला हुआ है। बाजार मूल्य के हिसाब से यह मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। इसका बाजार पंजीकरण 12.65 लाख करोड रुपए है पिछले शुक्रवार को कंपनी का शेयर 1.55 फ़ीसदी टूटकर 3454 रुपए पर बंद हुआ था।
टीसीएस भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी है। TCS एशिया की सबसे बड़ी कंपनी TATA GROUP का एक हिस्सा है TATA GROUP ऊर्जा दूरसंचार वित्तीय सेवाओं निर्माण रसायन इंजीनियरिंग एवं कई तरह के उत्पाद बनाता है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में आपको बताया गया है कि आईटी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज टीसीएस को अमेरिका के कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। भारत की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस पर अमेरिका ने 1751 करोड रुपए का जुर्माना लगा दिया है।