North Korea: उत्तर कोरिया ने अंतरिक्ष में अपना जासूसी सैटेलाइट भेज पूरी दुनिया के लिए चिंता बढ़ा दी है। उत्तर कोरिया ने आखिरकार अंतरिक्ष में अपना जासूसी सेटेलाइट भेजे ही दिया है। आखिर उन्होंने सफलता प्राप्त कर ली है। इससे पहले उत्तर कोरिया को दो बार असफलता मिली थी अब दुनिया के लिए सबसे रहस्यमई देश के पास अंतरिक्ष से निगरानी और जासूसी करने की सुविधा है।
North Korea Launches Spy Satellite:
उत्तर कोरिया ने 22 नवंबर, 2023 को अपना पहला जासूसी उपग्रह कक्षा में स्थापित करने का दवा किया है। और आज बुधवार को उसने अपना पहला जासूसी उपग्रह कक्षा में स्थापित कर दिया है। यह दावा इस साल उत्तर कोरिया के तीसरे प्रक्षेपण के बाद आया है। उत्तर कोरिया ने इस कदम को दक्षिण कोरिया और जापान की चेतावनियों के बावजूद उठाया है। दोनों देशों ने यह आशंका जताई है कि इस उपग्रह के कक्षा में स्थापित होने हो जाने के बाद संभावित खतरा बढ़ सकता है।
उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि उन्होंने एक सैन्य जासूसी उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया है। कोरिया के अध्यक्ष अधिकारियों द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक, मंगलवार रात उनके यान ने मल्लीगयोंग-1 उपग्रह को कक्षा में स्थापित कर दिया है। हालांकि अभी तक किसी और एजेंसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
बयान में आगे बताया गया है कि उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन लॉन्चिंग के दौरान नहीं पहुंचे थे। नए उपग्रहों से उत्तर कोरिया और अधिक शक्तिशाली हो गया है। बयान के अनुसार, उत्तर कोरिया अभी और जासूसी उपग्रह बनाने की कोशिश कर रहा है। ताकि दक्षिण कोरिया और उसके आसपास के क्षेत्र पर पूरी तरह से नजर रख सके।
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North Korea: पिछले दो प्रयास रहे विफल
North Korea successfully launches spy satellite after two failed attempts https://t.co/aynX0CTBQh
— The Messenger (@TheMessenger) November 21, 2023
उत्तर कोरिया के पहले जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने के लिए पिछले दो प्रयास विफल रहे थे। और अगस्त में आखिरी प्रयास के बाद, उत्तर कोरिया के वैज्ञानिक अक्टूबर में फिर से प्रयास करने लगे और जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने का वादा किया था।
सितंबर में उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने और प्रमुख सैन्य स्थलों का दौरा करने के लिए रूस के सुदूर पर्व की यात्रा की थी। जहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्योंगयांग को उपग्रह बनाने में मदद करने का वादा किया था।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि वाशिंगटन ने प्रक्षेपण के लिए उत्तर कोरिया की कड़ी निंदा की है और कहां है कि यह “तनाव बढ़ता है और क्षेत्र और उसके बाहर सुरक्षा स्थिति को अस्थिर करने का जोखिम उठाता है।”
उत्तर कोरिया ने पूरी दुनिया के लिए बढ़ाई चिंता
उत्तर कोरिया के इस कदम से अमेरिका और जापान सहित पूरी दुनिया की चिंता बढ़ गई है दक्षिण कोरिया और जापान ने आपातकालीन चेतावनिया जारी कर दी है दोनों देशों ने आशंका जताई है कि इस सेटेलाइट के कक्षा में स्थापित होने के बाद संभावित खतरा बढ़ सकता है।
उत्तर कोरिया की योजना क्या है
उपग्रह प्रक्षेपण के उत्तर कोरिया के नोटिस के बाद, जापान के प्रधानमंत्री के कार्यालय ने सोशल मीडिया ट्विटर पर कहां की देश अमेरिका, दक्षिण कोरिया और अन्य लोगों के साथ मिलकर उत्तर कोरिया से “दृढ़ता से आग्रह” करेगा कि वह उसके साथ आगे ना बढ़े। प्योंगयांग एक सैन्य जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने की मांग कर रहा है, उसका कहना है कि वह अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई सैनिकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उपग्रह के एक बेड़े की योजना बना रहा है।
जापान और अमेरिका ने जताया था विरोध
उत्तर कोरिया के इस स्पाई सैटेलाइट लॉन्च करने पर जापान और अमेरिका ने कड़ा विरोध जताया है। यहां तक की जापान ने ओकीनावा के दक्षिणी प्रांत के निवासियों के लिए अलर्ट भी कर है। दक्षिण कोरिया ने भी उत्तर कोरिया को चेतावनी दी थी कि इस तरह की कोई भी स्पाइस सैटेलाइट लॉन्च न करें। लेकिन इस चेतावनी के ठीक 1 दिन बाद ही उत्तर कोरिया ने यह प्रक्षेपण किया।
दक्षिण कोरिया और जापान के अनुसार उपग्रह ले जाने वाला रॉकेट कोरियाई प्रायद्वीप के पश्चिमी तट और जापानी द्वीप ओकिनावा के ऊपर से प्रशांत महासागर की ओर से उड़ा। जापानी सरकार ने ओकिनावा के लिए ‘जे-अलर्ट मिसाइल चेतावनी’ जारी की और अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया।
Chollima-1 Rocket द्वारा किया गया लॉन्च
उत्तर कोरिया की स्पेस एजेंसी ने कहा है कि उसने यह लॉन्चिंग “चोलिमा-1” रॉकेट से की है। इस रॉकेट के जरिए ही मल्लीगयोंग-1 सैटेलाइट को पृथ्वी की ऑर्बिटर में स्थापित किया गया है। सैटेलाइट लॉन्च होने के 12 मिनट बाद धरती की निचली कक्षा में तैनात हो गया था।
उत्तर कोरिया की स्पेस एजेंसी नेशनल एयरस्पेस टेक्नोलॉजी एडमिनिस्ट्रेशन (NATA) ने कहा कि यह लॉन्चिंग पूरी तरह से उत्तर कोरिया के लिए जरूरी और कानूनी रूप से सही है। यह हमारे स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ा रही है। जासूसी सेटेलाइट की वजह से उत्तर कोरिया दुश्मनों के मिलिट्री मूवमेंट्स पर नजर रख पाएगा।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में आपको बताया गया है की North Korea के राष्ट्रपति किम जोंग ने अंतरिक्ष में अपना जासूसी सैटेलाइट भेज दिया है।