RBI Monetary Policy June 2024: आरबीआई का बड़ा ऐलान, जाने ब्याज दरो में क्या हुआ बदलाव -

RBI Monetary Policy June 2024: आरबीआई का बड़ा ऐलान, जाने ब्याज दरो में क्या हुआ बदलाव

RBI Monetary Policy June 2024 Hindi: आरबीआई पॉलिसी की बैठक 5 जून को शुरू हुई थी और आज इसके नतीजे आ गए हैं. मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है.

RBI Monetary Policy June 2024

रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, इसका मतलब यह है कि आपको होम लोन, कर लोन, सहित बाकी सभी तरह के लोन की EMI में कोई राहत नहीं मिली है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि 5, 6 और 7 जून के दौरान हुई RBI Monetary Policy की बैठक में कमेटी के 6 सदस्यों में से चार सदस्यों ने पॉलिसी रेट में कोई भी बदलाव ने करने पर अपनी सहमति जताई है.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आरबीआई ने फरवरी 2024 से रेपो रेट के दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, तब से लेकर अब तक रेपो रेट 6.5 % पर ही बनी हुई है. आरबीआई हर 2 महीनों में MPC Meeting  करता है. यह FY2024-25 की दूसरी बैठक है, इससे पहले अप्रैल के महीने में बैठक हुई थी.

जीडीपी (GDP) में होगी ग्रोथ

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि NSO के प्रोविजनल अनुमान के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2024 (FY24) के लिए भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ 8.2% रहेगी. फाइनेंशियल ईयर 2025 के दौरान घरेलू आर्थिक गतिविधि में लचीलापन बनाए रखा है. PMI मैन्युफैक्चरिंग मजबूत बना हुआ है. May में PMI सर्विसेज 60.2 मजबूत रही है. शहरी क्षेत्र में लगातार खर्च बढ़ाने के साथ निजी खपत में सुधार हो रहा है.

RBI Monetary Policy June 2024
RBI Monetary Policy June 2024

इसी के साथ ने शक्तिकांत दास ने बताया है कि फाइनेंशियल ईयर 2025 के Q1 में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.3% और Q2 में 7.2% है, जबकि Q3 में 7.3% और Q4 में 7.2% है, जबकि पूरे साल के जीडीपी का अनुमान 7.2% किया गया है. गवर्नर ने कहा है कि हमने जीडीपी ग्रोथ का अनुमान पिछली बार के 7% से बढ़ाकर 7.2% किया है.

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RBI क्यों घटता बढ़ता है ब्याज दरें?

ब्याज दरें महंगाई को कम करने का साधन है, आरबीआई महंगाई को कम करने के लिए या जब देश को जरूरत होती है तब इसका इस्तेमाल करता है. जब महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो आरबीआई इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है और रेपो रेट को बढ़ा देता है. आमतौर पर 0.50 या  इससे कम की बढ़ोतरी की जाती है. लेकिन जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो उसको रिकवर करने के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है और ऐसे में आरबीआई ब्याज दर कम कर देता है.

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