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    Lakshadweep Airport: लक्ष्यद्वीप में बनेगा नया एयरपोर्ट, क्या है मोदी सरकार का बड़ा फैसला….

    Lakshadweep Airport: पीएम मोदी जी की सरकार का लक्ष्यद्वीप को लेकर एक नया प्लान सामने आया है । भारत अब लक्ष्यद्वीप के मिनिकाॅय द्वीप समूह में एक नया एयरपोर्ट और एयरफील्ड बनाने की तैयारी कर रहा है। जहां से फाइटर जेंट्स, मिलिट्री एयरक्राफ्ट्स और कमर्शियल विमानों की भी उड़ान भरी जाएगी। इससे भारत की रणनीतिक ताकत बढ़ जाएगी। मिनिकाॅय में एयरपोर्ट क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।

    Lakshadweep Airport

    माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार लक्ष्यद्वीप को लेकर एक अलग ही प्लान कर रही है। भारत सरकार लक्ष्यद्वीप के मिनिकॉय आइसलैंड पर नया एयरपोर्ट बनाने की तैयारी में है। जहां से फाइटर जेंट्स, मिली एयरक्राफ्ट्स और कमर्शियल विमान का संचालन भी होगा। यहां पर डयूल परपज एयरफील्ड होगा। इस एयरपोर्ट बनने से लक्ष्यद्वीप में पर्यटन बनने की उम्मीद है।

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    इससे पहले लक्ष्यद्वीप पर सिर्फ मिलिट्री इस्तेमाल के लिए एयरफील्ड बनाने का प्रस्ताव सरकार के पास गया था। लेकिन अब उसे अपडेट करके डयुल परपज और फील्ड के तौर पर वापस भेजा गया है। अगर यहां पर एयरफील्ड बनती है तो अब भारत अरब सागर और हिंद महासागर में चारों तरफ कड़ी निगरानी रख सकेगा। समुद्री लुटेरों के कार्यवाही पर विराम लगा सकेगा।

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    मालदीव से विवाद के बाद अब चर्चा में है लक्ष्यद्वीप

    मिनिकाॅय में एयरपोर्ट बनने से लक्ष्यद्वीप में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। अभी तक लक्ष्यद्वीप के अगाती द्वीप पर हवाई पट्टी मौजूद है। लेकिन उस पट्टी पर सभी तरह के विमान का संचालन नहीं हो सकता। हाल ही में माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी लक्ष्यद्वीप के दौरे के पर थे , उसके बाद यह केंद्र शासित प्रदेश चर्चा में काफी छा गया है।

    सोशल मीडिया पर पीएम मोदी जी की तस्वीरों को देखकर लोग लक्ष्यद्वीप की तुलना मालदीव से कर रहे हैं। और इसे लेकर विवाद भी हो गया था पीएम मोदी जी की लक्ष्यद्वीप पर तस्वीर देखकर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिस पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। विवाद के बाद मालदीव सरकार ने पीएम मोदी जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मंत्रियों को पद से हटा दिया है।

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    नौसेना पहले से मजबूत है लक्ष्यद्वीप में, अब वायुसेना की तैयारी

    लक्ष्यद्वीप के कावरत्ती आइसलैंड पर भारतीय नौसेना का INS Dweeprakdhak जो सैनिक बेस है। यहां पर भारतीय नौसेना पहले से काफी मजबूत है। लेकिन अब लक्ष्यद्वीप में वायु सेना की मौजूदगी और ताकत को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। INS Dweeprakdhak दक्षिणी नौसैनिक कमांड का हिस्सा है। यहां पर 2012 से संचालित हो रहा है। नौसेना कावरत्ती द्वीप पर 1980 के दशक से संचालन कर रही है। यहां पर उसकी स्थाई फैसिलिटी मौजूद थी।

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  • Maldives News: भारत ने हर बार दिया साथ, अगर अब ठुकराया तो बर्बाद हो जाएगा मालदीव

    Maldives News: भारत ने हर बार दिया साथ, अगर अब ठुकराया तो बर्बाद हो जाएगा मालदीव

    Maldives News: मालदीव की अर्थव्यवस्था में भारत का बहुत बड़ा योगदान है। भारत ने हर बार मालदीव की सहायता की है। और कई चीजों को लेकर मालदीव पूरी तरह से भारत पर निर्भर है। अगर अब भारत मालदीव को ठुकराता है तो वहां की इकोनॉमी पूरी तरह से बिखर सकती है।

    Maldives News

    श्रीलंका, पाकिस्तान के बाद क्या अब मालदीव भी चीन का नया शिकार बनने वाला है। क्योंकि मालदीव के राष्ट्रपति भारत से अनबन के बीच चीन पहुंचे और कहा कि हमारा यह ‘भरोसेमंद सहयोगी’ है। लेकिन यह प्रेम मालदीव को कंगाल होने के राह पर ले जा रहा है। श्रीलंका और पाकिस्तान को आर्थिक तौर पर बर्बाद करने में चीन का बड़ा हाथ है। दोनों देश ‘चीन कर्ज जाल’ में फंस चुके हैं, और अब उसी राह पर मालदीव भी दिखाई दे रहा है।

    मालदीव भारत का एक भरोसेमंद पड़ोसी देश है, लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लक्ष्यद्वीप की यात्रा पर मालदीव के मंत्रियों ने टिप्पणी की है, इससे नुकसान मालदीव का ही होगा। क्योंकि मालदीव की अर्थव्यवस्था में भारत का बहुत बड़ा योगदान है और कई चीजों को लेकर तो मालदीव पूरी तरह से भारत पर ही निर्भर है। लेकिन मालदीव में चीन समर्थित सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत के साथ उनके रिश्तों में काफी तनाव सा आ गया है।

    भारत ने हर बार दिया मालदीव का साथ

    भारत ने मालदीव पर किसी भी प्रकार की मुसीबत आने पर हर बार साथ दिया है। चाहे वह आर्थिक स्थिति हो या फिर कोरोना महामारी। कोरोना महामारी के समय भारत ने मालदीव को एक लाख वैक्सीन फ्री में दी थी और उससे पहले मालदीव में एक बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया था। जब भी भारत ने 30,000 वैक्सीन मालदीव को फ्री में दी थी। और अब कुछ ही समय पहले भारत ने मालदीव को 400 करोड रुपए की आर्थिक सहायता देने के लिए भी कहा था। इस प्रकार मालदीव पर भारत के बहुत एहसान है, जो की मालदीव को अब दिखाई नहीं दे रहे हैं।

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    बिखर जाएगी मालदीव की इकोनॉमी

    मालदीव की इकोनॉमी टूरिज्म (पर्यटन) पर ही डिपेंड करती है। वहां की जीडीपी का लगभग 28% हिस्सा पर्यटन का है।। जबकि फॉरेन एक्सचेंज में भी लगभग 60% योगदान टूरिज्म सेक्टर का है। ऐसे में अगर भारत मुंह फेर लेता है तो मालदीव को आर्थिक तौर पर भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। और आपको बता दे कि भारत से हर साल लगभग एक लाख लोग मालदीव घूमने जाते हैं।

    मालदीव और भारत के बीच पिछले वर्ष 500 मिलियन डॉलर से अधिक का कारोबार हुआ था। इस वर्ष भी यह लगातार बढ़ ही रहा है। भारत और मालदीव के बीच तीन दशक पहले ट्रेड एग्रीमेंट हुआ था। इस एग्रीमेंट के तहत मालदीव भारत से उन वस्तुओं का आयात करता है, जो दूसरे देशों को निर्यात नहीं होता है। इसके अलावा मालदीव के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में भी भारत का पैसा लगा है। साल 2023 में भारत ने मालदीप से जहां 41.02 करोड डॉलर का निर्यात किया था। वहीं 61.9 लाख डॉलर का आयात किया था। 2022 में निर्यात का आंकड़ा 49.54 करोड़ था, जबकि आयात का आंकड़ा 61.9 डॉलर था।

    सबसे ज्यादा भारतीय टूरिस्ट पहुंचते हैं मालदीव

    आज की तारीख में भारतीयों के लिए मालदीव एक बेस्ट टूरिस्ट स्पॉट है। साल 2023 में भारत से 2,09,198 लोग मालदीव घूमने गए थे। अगर भारत के लोग यहां जाना बंद कर दे तो फिर मालदीव के लिए आर्थिक संकट और गहरा हो सकता है। इससे पहले साल 2022 में 2.41 लाख, 2021 में 2.91 लाख और 2020 यह कोरोना महामारी के दौरान भी 63000 भारतीय मालदीव घूमने के लिए गए थे।

    दिसंबर 2023 तक मालदीव पर कुल 17 लाख 57 हजार 939 टूरिस्ट आए थे। इनमें से सबसे ज्यादा टूरिस्ट की संख्या भारतीयों की थी। भारतीयों के बाद सबसे ज्यादा रूस और चीन के लोग मालदीव पहुंचे थे। ऐसे में मालदीव के लिए पर्यटन उद्योग बेहद जरूरी है। साल 2021 में इस द्वीप को पर्यटन से लगभग 3.39 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रेवेन्यू मिला था। साल 2021 के डेटा के अनुसार इस साल भारत मालदीव के तीसरे सबसे बड़े व्यापार भागीदार के रूप में उभरा था। मालदीप का मुख्य आय का जरिया टूरिज्म है, वहां कोई भारत के जैसा टैक्स सिस्टम नहीं है।

    क्षेत्रफल की दृष्टि से मालदीव है छोटा-सा

    हिंद महासागर के द्वीप पर स्थित मालदीव की आबादी में 98% मुस्लिम लोग हैं। बाकी दो प्रतिशत अन्य धर्म के लोग हैं। यहां की कुल आबादी लगभग 5 लाख है। मालदीप करीब 1200 द्वीपों का एक समूह है। ज्यादातर द्वीपों में कोई नहीं रहता है। मालदीव का क्षेत्रफल 300 वर्ग किलोमीटर है। यानी आकार में दिल्ली का पांचवा हिस्सा है।

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  • pm modi in lakshadweep: लक्ष्यद्वीप की यात्रा पर पीएम मोदी, कहा प्राकृतिक सुंदरता और शांति मंत्रमुक्त कर देने वाली है

    pm modi in lakshadweep: लक्ष्यद्वीप की यात्रा पर पीएम मोदी, कहा प्राकृतिक सुंदरता और शांति मंत्रमुक्त कर देने वाली है

    pm modi in lakshadweep: माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आज लक्षद्वीप की यात्रा कर रहे हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप का दृश्य शेयर किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि प्राकृतिक सुंदरता के अलावा लक्ष्यद्वीप की शांति भी मंत्रमुक्त कर देने वाली है। लक्षद्वीप सिर्फ दीपों का एक समूह नहीं है, यह परंपराओं की एक कालातीत विरासत है और इसके लोगों की भावना का एक प्रमाण है। मेरी यात्रा सीखने और बढ़ाने की एक समृद्धि यात्रा रही है।

    pm modi in lakshadweep

    माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लक्ष्यद्वीप की के दृश्य को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। मोदी जी ने लक्षद्वीप के दृश्य को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर शेयर करते हुए कहा कि हाल ही में मुझे लक्षद्वीप के लोगों के बीच रहने का अवसर मिला मैं अभी भी इसके द्वीपों की अद्भुत सुंदरता और यहां के लोगों के अविश्वसनीय गर्म जोशी से आश्चर्यचकित हूं मुझे अगाती बंगाराम और कवटी में लोगों से बातचीत करने का अवसर मिला मैं द्वीप के लोगों को उनके अतिथि के लिए धन्यवाद देता हूं यहां कुछ झलकियां दी गई है जिनमें लक्ष्यदीप की हवाई झलकियां भी शामिल है।

    लक्षद्वीप में हमारा ध्यान उन्नत विकास के माध्यम से जीवन का उत्थान करना है। भविष्य की बुनियादी ढांचे के निर्माण के अलावा यह बेहतर स्वास्थ्य देखभाल तेज इंटरनेट और पीने के पानी के अवसर पैदा करने के साथ-साथ जीवन स्थानीय संस्कृति का जशन बनाने के बारे में भी है। जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है वह इसी भावना को दर्शाते हैं।

    विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ उत्कृष्ट बातचीत हुई। यह प्रत्यक्ष रूप से देखना प्रेरणादायक है कि कैसे यह बेहतर स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तिकरण, बेहतर कृषि पद्धतियों और बहुत कुछ को बढ़ावा दे रही है। मैंने जो जीवन यात्राएं सुनी, वे वास्तव में मार्मिक थी।

    प्राकृतिक सुंदरता के अलावा लक्ष्यदीप की शांति भी मंत्रमुक्त कर देने वाली है। इसने मुझे इस बात पर विचार करने का अवसर दिया कि 140 करोड़ भारतीयों के कल्याण के लिए और भी अधिक मेहनत कैसे की जाए।

    जो लोग अपने अंदर के रोमांच को अपनाना चाहते हैं उनके लिए लक्ष्यदीप आपकी सूची में होना चाहिए। अपने प्रवास के दौरान मैंने स्नाॅर्कलिंग का भी प्रयास किया। यह कितना आनंददायक अनुभव था।

    और प्राचीन समुद्र तटों के साथ सुबह की सैर भी शुद्ध आनंद के क्षण थे।

    लक्षद्वीप सिर्फ दीपों का समूह नहीं है; यह परंपराओं की एक कलात्रितीत विरासत है और इसके लोगों की भावना का एक प्रमाण है। मेरी यात्रा सीखने और बढ़ाने की एक समृद्धि यात्रा रही है।