Today news: सरकार ने गेहूं ,चीनी और प्याज की जमाखोरी रोकने और उनकी कीमतों को काबू पाने के लिए थोक विक्रेताओं ,खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसिंग फर्मों के लिए गेहूं और प्याज का स्टॉक रखने के मानदंडों को सख्त कर दिया ।
स्टॉक लिमिट तत्काल प्रभाव से होगी लागू
केंद्रीय खाद मंत्रालय के सचिव, संजीव चोपड़ा ने कहा कि प्रत्येक खुदरा विक्रेता के लिए भंडारण सीमा 10 टन के बजाय 5 टन, बड़े खुदरा विक्रेताओं के प्रत्येक डिपो के लिए 5 टन और उनके सभी डिपो के लिए यह सीमा कुल मिलाकर 1000 टन होगी। व्यापारियों और थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं भंडारण की सीमा 2000 टन से घटाकर 1000 टन कर दी गई है। चोपड़ा ने कहा गेहूं के कृत्रिम अभाव की स्थिति को रोकने और जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए ऐसा किया गया है संशोधित स्टॉक लिमिट तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
हर शुक्रवार को देनी होगी स्टॉक की जानकारी
खाद्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि व्यापारियों को अपना स्टॉक संशोधित सीमा तक कम करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा एक बयान के मुताबिक गेहूं भंडारण करने वाली सभी फर्मों को गेहूं स्टॉक सीमा संबंधी पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा हर शुक्रवार को अपने स्टॉक के बारे में जानकारी देनी होगी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन न कराई गई या स्टाक सीमा का उल्लंघन करने वाली फर्म के खिलाफ अधिनियम 1955 की धारा 6 और 7 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
Today news: गेहूं, चीनी और प्याज की कीमत
प्याज की कीमतों पर सरकार का अंकुश
मौसम की मार से बेहाल प्याज का उत्पादन घट रहा है और बाजार में सप्लाई कम होने की वजह से इसकी कीमतों में लगातार उछाल आ रहा है इसी बीच आम आदमी को राहत देने के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर बैन लगा दिया है ताकि खुदरा बाजार में इसकी बढ़ती कीमतों को रोका जा सके।
सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और प्याज की कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए प्याज के निर्यात पर अगले साल 31 मार्च तक प्रतिबंध लगा दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया है उसमें कहा गया है प्याज के एक्सपोर्ट की पॉलिसी को 31 मार्च 2024 तक प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया गया है। राजधानी दिल्ली में सब्जी विक्रेता 70-80 रुपए किलो दर पर प्याज बेच रहे हैं इस वजह से आम लोगों का बजट बिगड़ने लगा है प्याज की कीमतों में तेजी को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।
बे मौसम बारिश और उत्पादन में कमी से प्याज की बढ़ती कीमतों का शोर सरकार तक पहुंच गया आम आदमी के बजट पर इसका ज्यादा असर न पड़े इसलिए सरकार ने तत्काल प्रभाव से यह बड़ा फैसला लिया है सरकार ने कहा है कि मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर पूरी तरह रोक लगाई जाती है मार्च 2024 तक एक भी प्याज देश के बाहर नहीं जाना चाहिए ताकि घरेलू बाजार में इसकी सप्लाई में कोई कमी ना आए और कीमतों में उछाल ना आए इसके अलावा सरकार चीनी और गेहूं की कीमतों पर भी पर भी शिकंजा कस रही है।
चीनी की कीमतों पर सरकार का फैसला
केंद्र सरकार ने चीनी की कीमतों पर नियंत्रण को लेकर चीनी मिलों को गन्ने के रस के जरिए एथनॉल का उत्पादन नहीं करने का निर्देश दिया है इस तरह के एथनॉल का उत्पादन पेट्रोल में मिलाने के लिए किया जाता है। हालांकि चीनी मील पेट्रोल में मिश्रण के लिए बी-हैवी शीरे से एथेनॉल का उत्पादन जारी कर सकती है केंद्र सरकार के फैसले का असर ईंधन के साथ मिश्रण करने के लिए एथनॉल के स्टॉक पर पड़ सकता है। सरकार का लक्ष्य पेट्रोल में 20% तक एथनॉल मिलाने का रहा है, इससे सरकार पेट्रोल के आयात को कम करना चाहती है आयात कम होने की स्थिति में पेट्रोल की कीमतों में कमी आने की संभावना रहती है।
क्या है सरकार का फैसला
महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी के उत्पादन में कमी आई है ऐसे में आशंका है कि चीनी महंगी हो सकती है। इसलिए खाद मंत्रालय ने सभी चीनी मिलों और डिस्टलरीज के प्रबंध निदेशको और मुख्य कार्यपालिका अधिकारियों को एक पत्र लिखकर यह निर्देश दिया है । खाद्य मंत्रालय ने पत्र में कहा कि चीनी नियंत्रण आदेश 1966 के खंड 4 और 5 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी चीनी मिलों और डिस्टलरीज को निर्देश दिया जाता है कि वह तत्काल प्रभाव से एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2023- 24 में एथनॉल के लिए गन्ने के रस चीनी के रस का उपयोग न करें पत्र के अनुसार तेल कंपनियों को बी-हैवी शीरे से प्राप्त इथनॉल की आपूर्ति जारी रहेगी।