PAYTM, GOOGLE PAY, PHONE PAY,UPI ID हो सकती है बंद,जानिए क्यों? -

PAYTM, GOOGLE PAY, PHONE PAY,UPI ID हो सकती है बंद,जानिए क्यों?

UPI UPDATE: आज के आधुनिक समय में लगभग सभी काम हम ऑनलाइन माध्यम से करना ही पसंद करते हैं और ऑनलाइन कर भी रहे हैं-जैसे कि घर पर खाना मंगवाना, ऑनलाइन शॉपिंग करना या किसी को भी ऑनलाइन पेमेंट करना आदि । इन सभी चीजों को ऑनलाइन आसान बनाने में UPI सिस्टम का एक बहुत ही बड़ा योगदान रहा है क्योंकि UPI की मदद से हम किसी को भी कहीं भी कुछ ही सैकड़ों में ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं। आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि UPI ID को 31 दिसंबर 2023 से बंद क्यों किया जा रहा है।

UPI Latest news in Hindi

हमारे देश में जब से मोदी सरकार आई है तब से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर बहुत जोर दिया जा रहा है। आज हमारे देश में 1 दिन में यूपीआई से लेनदेन करने वालों की संख्या लगभग 36 करोड़ से ज्यादा है। जनवरी 2023 में आनलाइन लेनदेन की संख्या 800 करोड़ से ज्यादा हो गई थी।

आज के टाईम दुकान, मॉल, शॉप, छोटी-मोटी रेहड़ी सबके पास कयुआर कोड लग गए हैं। इससे दुकानदार और ग्राहक दोनों को बहुत सुविधा होती है। जेब मैं एक भी पैसा ना हो तो सिर्फ मोबाइल से ही बाजार से खरीददारी करके लाई जा सकती है। कटे-फटे नोट का कोई चक्कर नहीं है, खुले पैसों का कोई चक्कर नहीं होता है। यह सुविधा हम ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करके ही ले सकते हैं। और सरकार इसीलिए भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर जोर दे रही है ताकि टैक्स चोरी के मामलों में कमी आ सके। और जो लोग पूरा टैक्स नहीं भरना चाहते वह कयुआर कोड अपनी दुकान लगाकर भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन लेने में आना कानी करते हैं। जो कि सरकारी नियमों के खिलाफ है।

UPI TRANSACTION के फायदे

  • अगर हम ऑनलाइन यूपीआई से ट्रांजैक्शन करते हैं तो इसके हमें बहुत फायदे हैं इससे हम अपने मोबाइल से ही अपने फोन का रिचार्ज, बिजली पानी के बिल या किसी भी तरह की किस्त और किसी भी बैंक में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं, यह सब काम हम घर बैठे ही अपने मोबाइल से कर सकते हैं,
  • जब भी हम ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का उपयोग करते हैं तो हमें कुछ बातें ध्यान में रखनी जरूरी है। जब भी आप कोई भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करें कोई भी बिल भरते है।कोई भी किस्त या किसी भी बैंक में पैसे ट्रांसफर करें तो खाता नंबर अच्छी तरह से चेक करें जो भी पेमेंट अपने पे करनी है उसे पेमेंट को ध्यान से सही सबमिट करें,
  • इसमें फ्रॉड से बचने के लिए किसी को भी अपना यूपीआई पिन न बताएं एटीएम कार्ड के पिन अपना बैंक अकाउंट नंबर या बैंक की डिटेल किसी को भी फोन पर या मैसेज में मत बताएं, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाली एप्स द्वारा या किसी भी बैंक का कोई भी अधिकारी कभी भी आपसे फोन कॉल करके ओटीपी नहीं पूछता है।यह जो भी कोई पूछने वाले होते हैं यह सब फ्रॉड होते हैं इसलिए ऐसी गलती कभी मत करें कोई भी आपके ईमेल या मैसेज में आने वाला ओटीपी या कोड किसी के साथ भी शेयर ना करें।
  • अगर किसी स्थिति में आपका मोबाइल गुम हो जाए तो तुरंत मोबाइल प्रोवाइडर कंपनी में फोन करके अपनी सिम को बंद करवा दें।

जारी की गई नई गाइडलाइन

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दरसल, इस मामले में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया यानी NPCI की तरफ से थर्ड पार्टी ऐप्स जैसे GOOGLE PAY, PHONE PAY, PAYTM को एक सर्कुलर जारी किया गया है जिसमें उनकी यूपीआई आईडी को 31 दिसंबर 2023 से बंद करने का निर्देश दे दिया गया है और सिर्फ वही आईडी बंद होगी जो 1 साल से एक्टिव नहीं है मतलब अगर आपने 1 साल से अपने किसी यूपीआई आईडी से लेनदेन नहीं किया है तो उसे 31 दिसंबर 2023 के बाद बंद कर दिया जाएगा अगर आप चाहते हैं कि आपकी यूपीआई आईडी एक्टिवेट रहे तो आप समय-समय पर ट्रांजैक्शन करते रहें।

NPCI क्या है

एनपीसीआई एक भारत की सरकारी रिटेल पेमेंट और सेटेलमेंट सिस्टम है यानी फोन पे गूगल पर पेटीएम या जो भी थर्ड पार्टी ऐप्स है इसी के दिशा निर्देशों पर काम करते हैं साथ ही किसी तरह के विवाद या फ्रॉड होने पर एनपीसीआई अपनी मध्यस्थता निभाती है।

UPI ID UPDATE

एनपीसीआई के जारी किए गए निर्देशों की माने तो एक साल से इस्तेमाल न की जाने वाली यूपीआई आईडी को बंद करने की वजह यूजर की सिक्योरिटी है असल में कई बार यूजर्स बिना अपने पुराने नंबर को डिएक्टिवेट किए बगैर नई आईडी बना लेता है जो किसी भी तरह के फ्रॉड होने की वजह बन सकती है ऐसे ही फ्रॉड से बचने के लिए एनपीसीआई की तरफ से पुरानी आईडी को बंद करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

कई बार ऐसा होता है कि यूजर अपने मोबाइल नंबर पर यूपीआई आईडी बना लेता है और उस नंबर को लंबे टाइम तक यूज नहीं करता है। तो वह नंबर कुछ समय बाद कंपनी दूसरे यूजर को इशू कर देती है जैसा सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा इस स्थिति में फ्रॉड की संभावना बन जाती है ईसी वजह से पुरानी आईडी को बंद करने का निर्णय लिया गया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि टेलीकॉम प्रोवाइडर कंपनियां 90 दिनों से डीएक्टीवेटेड नंबर को बंद कर सकती है साथ ही वह नंबर किसी दूसरे को ट्रांसफर कर सकती है इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए एनसीपी आई ने जिस UPI ID से 1 साल तक कोई भी ट्रांजैक्शन नहीं होता है उसे बंद करने का आदेश जारी किया है।

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